एक और निर्भया:वो शरीर नोंच रहा था, चीखी तो उसने कई बार सिर पर पत्थर मारे; मैं गिड़गिड़ाई- रेप कर लो, नहीं चिल्लाऊंगी पर जान से मत मारो







निक्की को गर्दन से पेट को ढंकने वाला हार्ड प्लास्टिक बॉडी कवर पहनाया है। ताकि वह हिल न सके।


चीखी तो उसने कई बार सिर पर पत्थर मारे, रीढ़ की हड्डी टूट गई


कोलार में रहनेवाली 24 साल की निक्की (परिवर्तित नाम) से 16 जनवरी को जेके हॉस्पिटल के पास सड़क किनारे दुष्कर्म की कोशिश की गई। जब विरोध किया तो उस आदमी ने सिर पर पत्थर पटक दिया। धक्के से गिरी तो रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। एम्स में ऑपरेशन हुआ, 42 टांके आए, लेकिन अब वो खुद जगह से हिल भी नहीं सकती। पहली बार निक्की ने भास्कर को अपनी आपबीती सुनाई...


मैं 16 जनवरी की शाम करीब 7:30 बजे हर रोज की तरह ईवनिंग वॉक पर निकली थी। जेके हॉस्पिटल से दानिशकुंज चौराहे की ओर सड़क किनारे जा रही थी, तभी अस्पताल से करीब 200 मीटर आगे नर्सरी के पास सामने से एक लड़का आता दिखा। करीब आते ही उसने तेजी से धक्का मारा। मैं सीधे सड़क किनारे पांच फीट गहरी खंती में गिरी। रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। मैंने जैकेट छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उसने झटके से मुझे झाड़ियों में पटक दिया। वो मेरा शरीर नोंचने लगा, दांतों से काटने लगा। वो दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था। मैं हाथ-पैर चलाकर बचती रही, लेकिन वो पीट रहा था।


मैं चिल्लाई तो उसने पत्थर उठाकर सिर पर कई बार मारा। मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। एक पल लगा कि ये मुझे जिंदा नहीं छोड़ेगा, इसलिए जान बचाने के लिए गिड़गिड़ाई- तू रेप कर ले, नहीं चिल्लाऊंगी, न किसी को फोन करूंगी। लेकिन पत्थर मत मारो। थोड़ी सांस तो लेने दो। उसने पत्थर मारना बंद कर दिया, पांच मिनट तक शरीर से बदसलूकी करता रहा। मैं हेल्प-हेल्प चिल्लाई। शुक्र है कि मेरी आवाज वहां से निकल रहे एक युवक-युवती ने सुन ली। दोनों झाड़ियों में घुस आए। दरिंदा उन्हें देखते ही मुझे अधमरा छोड़ भाग गया।




निक्की की पीठ पर बाहर से 20 और अंदर से 22 टांके लगे हैं।


बेहोश होने के पहले सिर्फ इतना याद है कि उन दोनों ने किसी को फोन कर कार बुलाई और उसमें मुझे रखकर ले गए। वो मुझे एम्स लाए थे। मेरी रीढ़ की हड्‌डी टूट चुकी थी। सिर में गहरी चोट थी, कई टाकें भी आए। डॉक्टरों ने रीढ़ में रॉड लगाई है। ऑपरेशन तो हो गया, लेकिन मैं अपनी मर्जी से एक इंच भी नहीं हिल पाती हूं। कमर के नीचे का बायां हिस्सा पेरेसिस बीमारी से सुन्न हो गया है। बायां पैर बिना रुके हिलता रहता है। कम से कम अगले छह महीने का हर एक सेकंड बिस्तर पर ही गुजारना है। जितना दर्द उस दरिंदे ने दिया, उतना ही अब पुलिस गुमराह कर रही है। कोलार पुलिस 17 जनवरी को एम्स पहुंची। उसने दानिशकुंज चौराहे के पास एक जूस सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्ड जब्त किया, जिसमें वो दरिंदा सामने से धक्का देते हुए दिख रहा है।


पुलिस तीन दिन तक कहती रही कि आरोपी कोई परिचित ही होगा। लेकिन 20 दिन बाद अचानक उन्होंने बताया कि महाबली नगर के एक युवक ने गुनाह कबूल कर लिया है। उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आज तक उस शख्स को मुझे नहीं दिखाया। मैंने आरोपी की आवाज का ऑडियो मांगा, ताकि उसकी पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस ने ये भी नहीं दिया। ये जानलेवा हमला था, रेप की कोशिश थी, फिर भी पुलिस इसे सामान्य मारपीट का केस मान रही है। मेरी मां व्हील चेयर, स्ट्रेचर पर मुझे थाने ले जाने के लिए तैयार हैं, ताकि मैं आरोपी की पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस न तो आरोपी का फोटो दिखा रही है, न ही आमना-सामना करा रही है। मां ने बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मदद मांगी है। मैं चाहती हूं, उसने मुझे जितना दर्द दिया, वो उतने ही दर्द में तड़पे। इस साल दिवाली तक मैं नौकरी करती थी। मां को कोविड हुआ तो लौटना पड़ा। पहले नौकरी चली गई और फिर ये हादसा हो गया।


पुलिस का बयान- हमने छेड़छाड़ के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है
घटना वाली जगह के पास से एक एक्टिव मोबाइल नंबर पहले मिला था। जो हरियाणा के किसी लड़के का था। लेकिन उस लड़के का इससे कोई संबंध नहीं निकला। उसके बाद हमने दूसरे लड़के को गिरफ्तार किया। जिसकी जानकारी चश्मदीद ने दी थी। छेड़खानी के उस आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वह महाबली नगर का रहने वाला है।
- सुधीर अरजरिया, टीआई, कोलार


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