More than 100 members of BJP in Rajya Sabha: भारतीय जनता पार्टी (BJP) नित-नए रिकॉर्ड बना रही है। पार्टी के इतिहास में पहली बार राज्यसभा में उसके सदस्यों का आंकड़ा 100 के पार गया है। वहीं, 1990 के बाद वह पहली पार्टी बन गई है जिसने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। गुरुवार को राज्यसभा के चुनावों (Rajya Sabha Elections) के हालिया दौर के बाद भगवा पार्टी के सदस्यों की संख्या अब 101 हो गई है। चुनाव में उसने असम, त्रिपुरा और नागालैंड की सीटों पर जीत दर्ज कर अपने सदस्यों का आंकड़ा 100 के पार पहुंचाया है।
बीजेपी ने यह उपलब्धि 13 में से चार सीटें जीतकर हासिल की। इसके लिए गुरुवार को मतदान हुआ था। बीजेपी की गठबंधन सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने असम से एक राज्यसभा सीट जीती। बीजेपी ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों असम, त्रिपुरा और नागालैंड से राज्यसभा की चार सीटें जीतीं। बीजेपी ने इस क्षेत्र से उच्च सदन में अपने सदस्यों की संख्या भी बढ़ा दी है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘असम ने एनडीए के दो उम्मीदवारों को राज्यसभा में चुनकर प्रधानमंत्री पर अपना विश्वास जताया है। बीजेपी की पबित्रा मार्गेरिटा 11 वोटों से जीतीं और यूपीपीएल के रवंगवरा नारजारी नौ वोटों से जीते। विजेताओं को मेरी बधाई।’
राज्यसभा में बीजेपी के 100 का आंकड़ा पार करने के साथ ही विपक्ष को इस साल अगस्त में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर कर दिया गया है। असम की दो राज्यसभा सीटों और त्रिपुरा की एक सीट के लिए गुरुवार को मतदान हुआ था।
बीजेपी उम्मीदवार और उनकी महिला शाखा के राज्य अध्यक्ष एस फांगनोन कोन्याक को नागालैंड की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए निर्विरोध चुना गया। इससे वह संसद के उच्च सदन में बर्थ पाने वाली राज्य की पहली महिला बन गईं। असम में कांग्रेस के रिपुन बोरा और रानी नारा का राज्यसभा का कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त होगा। पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आप ने राज्य की सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की। अब आप की संख्या उच्च सदन में आठ सीटों तक बढ़ गई है।
राज्यसभा चुनाव के हालिया दौर में कांग्रेस की ताकत पांच सीटों से कम हो गई है। इसके पहले 1990 में कांग्रेस की राज्यसभा में 100 से ज्यादा सीटें थी। तब देश की सबसे पुरानी पार्टी सत्ता में थी। राज्यसभा में उसके 108 मेंबर थे। इसके बाद राज्यसभा चुनाव में उसके सदस्य लगातार घटे। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। एक-एक कर कई राज्यों में उसे अपनी सरकारें गंवानी पड़ीं और इसका असर राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या पर भी पड़ा।
वर्ष 2014 में उच्च सदन में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 55 थी। उसके बाद कई राज्यों में चुनावी जीत दर्ज करने के बाद उसके आंकड़े बढ़ते रहे और अब वह सौ पर पहुंच गई है।
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