कोरोना ने आत्मनिर्भर बनने और दुनिया को लीड करने का अवसर दिया है : वीके सारस्वत

सारस्वत का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जो आर्थिक प्रभाव पड़ा है, वह चिंताजनक है। हर क्षेत्र में नरमी है। हमें इससे निपटने के लिये अनुशासन यानी सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पालन करते हुए कामकाज शुरू करने की जरूरत है।




   


हाइलाइट्स:


कोरोना संकट ने दुनिया को लीड करने का अवसर दिया है


MSME और छोटे कारोबारियों को विशेष मदद की जरूरत


जरूरी है कि मध्यम वर्ग के लोगों को फिर से काम और वेतन मिले


भारत इस मौके पर उत्पादन का दायरा बढ़ाए और दुनिया की जरूरत पूरी करे


नई दिल्ली
नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट ने देश को आत्मनिर्भर बनने और दुनिया की अगुवाई करने का अवसर दिया है और इसके लिये हमें दुनिया के अन्य देशों की जरूरतों को ध्यान में रखकर उत्पादन का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय लघु एवं मझोले उद्यमों एवं छोटे कारोबारियों को कामकाज शुरू करने में मदद के लिये विशेष पैकेज देने की जरूरत है जिससे लोगों को फिर से काम और वेतन मिल सके।
सोशल डिस्टेंसिंग का हमेशा पालन करना होगा
सारस्वत का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जो आर्थिक प्रभाव पड़ा है, वह चिंताजनक है। हर क्षेत्र में नरमी है। हमें इससे निपटने के लिये अनुशासन यानी सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पालन करते हुए कामकाज शुरू करने की जरूरत है। सरकार छोटे दुकानों को खोलने की अनुमति देकर इसी दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, 'इस संकट से दुनिया का लगभग हर देश प्रभावित है और यह संभव है कि आने वाले समय में कई देश अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये उत्पादन की स्थिति में नहीं हो।

उत्पादन का दायरा बढ़ाना होगा
ऐसे में यह हमारे लिये एक अवसर है और इसके लिये हमें दुनिया के अन्य देशों की जरूरतों को ध्यान में रखकर उत्पादन का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है।' नीति आयोग के सदस्य ने कहा, 'इस संकट ने सिखाया है कि हमें आपूर्ति श्रृंखला के लिये एक देश पर निर्भर नहीं रहना चहिए बल्कि सभी देशों के साथ व्यापार करना चाहिए। ज्यादा-से-ज्यादा सामान यहां बनाये जाने की जरूरत है।


मेक इन इंडिया में तेजी लानी होगी
इसके लिये हमें मेक इन इंडिया में भी बदलाव लाना होगा। हमें इसके तहत देश में बने अपने सामानों का संरक्षण देने की जरूरत है। इस प्रकार के कदम से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'चीन से अन्य देशों की कंपनियां अब बाहर निकल रही हैं। हम इसका लाभ उठाना चाहिए। हमें अपनी नीतियां ऐसी बनानी चाहिए कि जो कंपनियां वियतनाम, कंबोडिया, मलेशिया या बांग्लादेश जा रही हैं, वे यहां आने के लिये तत्पर हों।

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