हर धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि एक दिन सर्वनाश तो होगा ही लेकिन इसके कारण सबमें अलग-अलग बताए गए हैं. हिंदूधर्म के पवित्र ग्रंथ गीता में संसार और व्यक्ति से जुड़ी बहुत सी बातें लिखी हैं जिन्हें भगवान विष्णु ने बताया था. भगवान विष्णु संसार चलाने वाले इस दुनिया के रक्षक हैं. जिसे चलाने की जिम्मेदारी भगवान शंकर ने उन्हें दी थी. ऐसा इसलिए शिवजी ने किया था क्योंकि विष्णुजी के पास सुंदरता भी है और तीव्र बुद्धि भी है. विष्णु जी ने गीता के कुछ हिस्से में बताया था कि कलयुग की शरुआत कैसे होगी और कैसे होगा दुनिया का अंत ?  जब महिलाओं में आएंगे ये बदलाव तब होगा कलियुग का अंत 1. भगवान विष्णु ने कहा कि कलियुग की शुरुवात सबसे पहले स्त्री के बालों से होगी. जिन बालों को स्त्री का श्रृंगार कहा जाता है, कलियुग में सभी महिलाएं अपने बाल काटना शुरु कर देंगी. 2. विष्णुजी ने बताया था कि जब लोग अपने बालों को रंगना शुरु कर देंगे, फिर वो महिला हो या पुरुष. सभी अपने प्राकृतिक रंग को रंगना शुरु करेंगे, कलयुग में कोई भी बाल काले और लंबे नहीं दिखाई देंगे.  3. जिस दिन एक बेटे ने अपने पिता के ऊपर हाथ उठा दिया तभी से समझ लेना कि कलयुग अपने चरम सीमा पर है. हर घर में कलह कलेश होगा कोई आपस में मिलकर नहीं रहेगें और लोग अपने ही घर में अपनों को मारेंगे. 4. कलयुग में कोई भी एक दूसरे से सच नहीं बोलेगा, ना पति पत्नी से ना बच्चे अपने माता-पिता से. हर तरफ सिर्फ झूठ का ही बोलबाला रहेगा और सच की आंखों पर पट्टी बंध जाएगी. 5. कलियुग में लडकिया बिलकुल भी असुरक्षित रहेंगी, उनका अपने घर में शोषण किया जाएगा. अपने ही घर के लोग उनके साथ वैभिचार करंगे और बाप बेटी भाई बहन कोई रिश्ते सही से नहीं रहेंगे. 6. कलयुग में शादी सिर्फ एक समझौता बनकर रह जायेगी. पत्नी-पति की इज़्ज़त करेगी और ना पति-पत्नी की इज्जत करेगा, शादी जैसे पवित्र बंधन भी अपवित्र हो जाएंगे. किसी की भी शादीशुदा जोड़े की जिंदगी ठीक से नहीं चल पाएगी. 7. जिस तरह सतियुग में लोगों की उम्र लंबी होने के बाद मृत्य़ु हो जाती थी, अब घोर कलयुग में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलेगा. कलयुग में जब किसी की मृत्यु होगी तब उसकी उम्र 20 से 30 साल के अंदर होगी और उसकी मृत्यु अकाल या पीड़दायक होकर होगी. 8. कलियुग में बेईमानी का बोलबाला होगा, लोग एक-दूसरे को ठगकर पैसा कामाएंगे. पैसों के लिए इंसान इंसान का बेदर्दी के साथ खून करेगा, दूसरों का हक छीनेगा. तब घोर कलयुग आ जाएगा. 9. कलियुग मैं न कोई कानून होगा ना वयवस्था कोई किसी से नहीं डरेगा सब अपने मन की करेंगे न हर कोई इंसान पैसो के लिए कुछ कर जायेगा 10. देश में चारो ओर अकाल और भुखमरी फैलने लगेगी, लोग प्यास और भूख से मरने लगेंगे और जब ऐसा होग तब कलयुग अपने चरम सीमा तक पहुंच जाएगी. 11. विष्णु जी ने बताया कि जब 7 साल की लड़की बच्चे को जन्म देगी तो समझ जाना कि अब घोर कलयुग आ गया है. इसके कुछ समय बाद ही इस युग का अंत हो सकता है. 12. विष्णुजी के अनुसार, वे, शिव और ब्रह्मा एक हो जाएंगे और फिर वे तीनों मिलकर इस युग का अंत कर देंगे क्योंकि उन्होंने ही इस सृष्टि को बनाया है और उन्हें ही इसे बिगाड़ना है. 13. विष्णु जी ने बताया था जब वे तीनो (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) पर हर कोई हावी हो जाएगा, तब इस युग का अंत कर दिया जाएगा. जिसमें सबसे पहले प्रलय पानी से शुरु होगा, फिर अग्नि से उसके बाद वायु से और फिर अंत में पृथ्वी की तरफ होते हुए इस युग का अंत हो जाएगा. इसके बाद एक नये युग की शुरुआत होगी जहां फिर से सत्य ही होगा

टूरिज्म, एजुकेशन, कल्चर के बारे में आप नजदीक से जान पाएंगे। यही कारण रहा कि बचपन में मैंने पापा के .......




Gwalior Pride : मिलिए एक साल में 27 देश घूमने वाले ग्वालियर के शशांक के, बोलते हैं- बैग उठाया और सफर शुरू


यदि आपको दुनिया के बारे में जानना है और अपनी सोच को ग्लोबलाइज करना है, तो वल्र्ड टूर से अच्छा ऑप्शन कुछ और हो नहीं सकता। इससे डिफरेंट फील्ड का नॉलेज आपको मिलेगा। टूरिज्म, एजुकेशन, कल्चर के बारे में आप नजदीक से जान पाएंगे। यही कारण रहा कि बचपन में मैंने पापा के साथ इंडिया का भ्रमण किया और थोड़ा बड़ा हुआ तो चायना व थायलैंड विजिट किया। वहां के एक्सपीरियंस काफी अच्छे रहे। इससे मेरी नॉलेज भी काफी अच्छी हो गई।

यह कहना है ग्वालियर के बलवंत नगर में रहने वाले शशांक शर्मा का। उन्होंने हाल ही में 27 देशों का भ्रमण करके एक साल में सबसे ज्यादा देशों की यात्रा करने वाले भारतीय होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उनके इस कीर्तिमान को हाल ही में 'इंडिया बुक ऑफ रिकाड्र्सÓ ने प्रमाणित किया है। शशांक अभी तक दुनिया भर के 50 से भी अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं जिसमे यूरोप, एशिया और अफ्रीका के देश शामिल हैं।

बैकपैकर के रूप में कम खर्च में पूरी की यात्राएं
31 साल के शशांक ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि मैंने बैकपैकर के तौर पे काफ ी कम खर्च में अपनी सभी यात्राएं पूर्ण कीं। बैकपैकिंग का कॉन्सेप्ट दुनिया के विकसित देशो में काफी लोकप्रिय है और अब भारत में भी ये कॉन्सेप्ट काफ ी प्रचलित हो रहा है। शशांक का कहना है कि उन्होंने अपनी यात्राओं के माध्यम से दुनिया के बारे में बहुत कुछ सीखा और भारत एवं भारतीय संस्कृति से बाहरी देशों के लोगो को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि देश के सभी युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भ्रमण करना चाहिए, जिससे उन्हें देश और दुनिया की बेहतर समझ मिलेगी और नए अवसरों को जानने का मौका प्राप्त होगा।

2012 में चायना से शुरू की थी जर्नी
शशांक वर्तमान में एक ट्रेवल इन्फ्लुएंसर और इंडिपेंडेंट रिसर्चर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ग्वालियर में प्राप्त करने के पश्चात उच्च शिक्षा दिल्ली एवं यूरोप से प्राप्त की। शशांक ग्वालियर के बलवंत नगर के रहने वाले हैं। शशांक वर्ष 2015 में 'गो योनेस्को इंडिया ट्रेवल चैलेंजÓ के विजेता भी रह चुके हैं। मैंने अपनी जर्नी 2012 में चायना से शुरू की थी, जहां का अच्छा एक्सपीरियंस रहा।

अभी सफर बाकी, घूमना चाहता हूं पूरा संसार
शशांक का कहना है कि अदर कंट्रीज में हमारे देश की छवि अच्छी नहीं है। मैं पूरी दुनिया घूमना चाहता हूं और वहां के लोगों के दिमाग में बसे इस इमेज को हटाना चाहता हूं। मैं अभी तक जितनी भी देश गया, वहां मेरे दोस्त बने और मैंने उन्हें इंडिया बुलाया व यहां की संस्कृति से परिचित कराया। वे यहां से पॉजिटिव इमेज लेकर गए।

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